विनती करती रही

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विनती करती रही(प्रतियोगिता के लिए) देखकर जग की दुर्दशा, आराधना करती रही। आ कर उबारो नाथ अब, विनती ये करती रही। धैर्य को खोया नहीं था, कंटक भरा था कर्म पथ। ...

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